पटना :- बिहार के मंत्री परिषद ने सभी छात्राओं एवं अनुसूचित जाति-जनजाति के छात्रों के पीजी तक मुफ्त शिक्षा देने का प्रावधान किया है। 24 जुलाई 2015 को बिहार सरकार द्वारा जारी संकल्प में राज्य के सभी विश्वविद्यालयों को सूचित किया गया है कि उनके अधीन सभी अंगीभूत व सम्बद्ध महाविद्यालयों के सामान्य पाठ्यक्रमों में नामांकन के वक्त कोई शुल्क नहीं लेना है, साथ ही नामांकन के वक्त शुल्क नहीं लेने से होने वाले आर्थिक क्षति की भरपाई राज्य सरकार करेगी। संकल्प में यह स्वीकार किया गया है कि बिहार शैक्षणिक दृष्टिकोण से एक पिछड़ा हुआ प्रदेश है यहाँ उच्चतर शिक्षण संस्थाओं में सकल नामांकन अनुपात देश के अन्य राज्यों की अपेक्षा कम है। वहीं महिलाओं तथा अनुसूचित जाति-जनजाति के विद्यार्थियों का सकल नामांकन अनुपात अप्रत्याशित रूप से काफी कम है। राज्य सरकार के आदेश के बावजूद कॉलेजों के द्वारा नामांकन के वक्त शुल्क लिया जाता रहा। ये बातें पटना हाइकोर्ट में जनहित याचिका दायर करने वाले रंजीत पंडित ने कहा कि हाइकोर्ट के संज्ञान में मसला आने पर सरकार एवं विश्विद्यालयों से स्पष्टीकरण मांगा गया। हाइकोर्ट ने विश्विद्यालयों को छात्रों से किसी प्रकार के शुल्क नहीं लेने एवं नामांकन के समय लिये गये शुल्क लौटाने का आदेश दिया। वे गर्दनीबाग स्थित कांग्रेस विधायक दल के नेता डॉ. शकील अहमद खान के आवास पर एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे। कांग्रेस के प्रदेश कमिटी के सदस्य सुशील कुमार एवं रजनीकांत पाठक ने कहा कि राज्य सरकार के आदेश के बाद किसी प्रकार का शुल्क नामांकन के वक्त कॉलेजों को नहीं लेना है। यह अंगीभूत एवं सम्बद्ध कालेजों पर समान रूप से लागू है लेकिन कई कॉलेजों ने विद्यार्थियों से भी शुल्क वसूला है और सरकार से माँग किया है। पटना हाइकोर्ट के आदेश के बाद ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय दरभंगा को 25 करोड़, पाटलिपुत्र विश्वविद्यालय पटना को 12 करोड़, पटना विश्वविद्यालय पटना को 9 करोड़ 88 लाख, वीर कुँवर सिंह विश्विद्यालय आरा को 7 करोड़, बी.एन मंडल विश्वविद्यालय मधेपुरा एवं तिलकामांझी विश्विद्यालय भागलपुर को 3-3 करोड़ और कामेश्वर सिंह दरभंगा संस्कृत विश्वविद्यालय को एक लाख रुपये मिला है। कांग्रेस नेताओं ने कहा कि विद्यार्थियों के लिए पैसा सरकार ने लौटाया है तो विद्यार्थियों को विश्विद्यालय व कॉलेज हर हाल में लौटाने की गारन्टी करे। उन्होंने कहा कि विद्यार्थी से सम्पर्क स्थापित कर कॉलेज पैसा उनके पास भेजे। इसको लेकर व्यापक स्तर पर सघन अभियान पूरे राज्य में चलाया जायेगा। कांग्रेस नेता जन्मेजय कुमार ने कहा कि कॉलेजों द्वारा पहचान पत्र, छात्रसंघ, प्रोस्पेक्टस के नाम पर पैसों की वसूली की जाती है जबकि नामांकन के वक्त किसी प्रकार का कोई शुल्क नहीं लिया जाना है। पटना वीमेंस कॉलेज को 3 करोड़, मगध महिला कॉलेज को 4 करोड़ 88 लाख, जे.डी वीमेंस कॉलेज पटना को 2 करोड़ 40 लाख, अरविन्द महिला कॉलेज 2 करोड़, महिला कॉलेज खगौल को 65 लाख रुपये सरकार द्वारा दिये गए। अगर विद्यार्थियों तक पैसा नहीं पहुंचा तो चरणबद्ध संघर्ष चलाया जायेगा।
